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Showing posts from 2021

क्रिसमस

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Christmas  is the perfect time of the year to celebrate  family , joy, and coming together. The gifts are already wrapped, Christmas  tree is decorated and  It’s a time to be merry and indulge in plenty of food and drink to keep cozy during the cold winter. But whether you’re planning on spending the holidays together or apart, you’ll likely want to know about Christmas. Although we, Year 5 students, believe that every single one of you is aware of the origin of Christmas, for those who might have forgotten here is a refresher course on the event from which Christmas began. Merry Christmas to all of you! We hope we will receive blessing after another this coming year .  

कोणार्क सूर्य मंदिर

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अतुल्य भारत जिसे युगों से देवों का देश कहा जाता है। 13वीं शताब्दी (1238-1264 ई)  में कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण उड़ीसा के  गंगा वंश राजा नरसिंहदेव ने करवाया था। यह मंदिर उड़ीसा में जगन्नाथ पुरी से 35 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में कोणार्क शहर में स्थित है। कोणार्क नाम संस्कृत के दो शब्दों से बना है: कोण, जिसका अर्थ है कोना और अर्क, जिसका अर्थ सूर्य है। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इस शहर का नाम कोणार्क पड़ा ,अर्थात सूर्योदय का स्थान । पौराणिक कथाओं के अनुसार  भगवान कृष्ण के बारह वर्षों से लकवाग्रस्त पुत्र संबा ने चंद्रभागा नदी के सागर संगम पर कोणार्क में, बारह वर्षों तक तपस्या की और सूर्य देव ने उनके रोगों का निवारण  किया था । तपश्चात उन्होंने सूर्य देव को समर्पित करते हुए इस मंदिर का निर्माण किया । कोणार्क सूर्य मंदिर अपनी अलौलिक पाषाण मूर्तियों और श्रेष्ठ स्थापत्य कला इसका उत्कृष्ट सबूत है। पुरातत्वों के लिए भी लाल रंग के बलुआ पत्थरों और काले ग्रेनाइट के पत्थरों से बने इस मंदिर का निर्माण अब तक एक रहस्य ही है। इस मंदिर को मध्यकालीन वास्तुकला का अनोखा उदाहरण माना गया है। इसे वर्ष 1984 मे

विश्व के सात महाद्वीप और उनसे जुड़े तथ्य

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  महाद्वीप ( Continents) समुद्र तल से ऊपर उठे हुए पृथ्वी (सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह, जिस पर जीवन है। यह आकार में 5वां सबसे बड़ा ग्रह है और सूर्य से दूरी के क्रम में तीसरा ग्रह है।) के विशाल भूखंडों को महाद्वीप कहते हैं। यह पृथ्वी पर समुद्र से अलग दिखाई देती है। समुद्र के लगभग 600 फीट अन्दर तक के महाद्वीपीय मग्नतटों (समुद्र के जल में डूबे महाद्वीपीय किनारों/तटों को महाद्वीपीय मग्न तट कहते हैं।) तथा मग्नढालों (मग्नतट तथा सागरीय मैदान के बीच तीव्र ढाल वाले मंडल को ‘महाद्वीपीय मग्नढाल’ कहते हैं।) को भी महाद्वीपों के अंतर्गत रखा जाता है। अर्थात धरती के बहुत बड़े विस्तृत भू-भाग जिसकी सीमायें स्पष्ट पहचानी जा सकें, को महाद्वीप कहते हैं।   महाद्वीप क्षेत्रफ़ल भूमि प्रतिशत जनसंख्या(करोड़) एशिया 17,139,445 वर्ग मील ( 44,391,162 वर्ग किमी  29.5 387.9 अफ़्रीका  11,677,239 वर्ग मील ( 30,244,049 वर्ग किमी ) 20 87.7 उत्तरी अमरीका 9361791 वर्ग मील ( 24247039 वर्ग किमी ) 16.3   50.1   दक्षिणी अमरीका 6,880,706 वर्ग मील ( 17,821,029 वर्ग किमी ) 11.8 37.9 अंटार्कटिका  5,500,000 वर्ग मील ( 14,245,000

चंदा मामा

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  अंधेरी रात  है, चंदा मामा है छुट्टी पर,आज  हूँ मैं ड्यूटी पर,  नाम है मेरा अमावस्या.... दोस्तों अंग्रेज़ी में कहते मुझे New moon!!!  अमावस्या रानी, मुझे है गर्व  अपने पर , शुरुवात करती हूँ रोशनी की,नाम है है मेरा बढ़ता अर्द्धचन्द्रकार..... अंग्रेज़ी में कहते मुझे Waxing crescent!!!   मैं हूँ शुक्ल पक्ष की अर्द्धचन्द्रकार, पहुँचने वाली हूँ मैं चाँद मामा के पास... अंग्रेज़ी में कहते मुझे First quarter !!!   मैं हूँ बढ़ता अर्द्धचन्द्रकार का भाई, नाम है मेरा बढ़ता उभरा कुबड़ा पीछे मुड़ कर नहीं देखता कभी, चलता हूँ हमेशा अग्रमी पथ की ओर..... अंग्रेज़ी में कहते मुझे Waxing gibbous !!!  मैं हूँ रात की रानी , आने से मेरे जगमगा जाता पूरा विश्व, दोस्तों ,अंग्रेज़ी में कहते मुझे Full moon!!!   तेरा सौन्दर्य सिमट आया है,मेरी नीली आँखों में पूर्णिमा,  14  दिन के बाद दिखी,  कैसा रहा तेरा सफर? मुझे भूलना मत,  मैं हूँ घटता उभरा कुबड़ा...अंग्रेज़ी में कहते मुझे Waning gibbous!!!   दोस्तो ,मैं हूँ कृष्ण पक्ष का अर्द्धचन्द्रकार, कहते है लोग मुझे जुड़वा भाई शुक्ल पक्ष के अर्द्धचन्द्रकार अंग्रेज़ी में कहते मु

कहता है इतिहास का झरोखा

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कहता है इतिहास का झरोखा….. त्योहारों का देश है भारत दीपों का त्यौहार  भारतीय संस्कृति की है पहचान, दीयों की रोशनी, सौगात है कार्तिक माह की, दीपावली……. कहते है हम  आध्यात्मिक रूप से 'अंधकार पर प्रकाश की विजय'   कहता है इतिहास का झरोखा….. त्योहारों का देश है भारत रघुकुल की रखी लाज श्री राम ने, भाई लक्ष्मण ने समस्त आमोदों का त्याग कर अपनाया सेवाभाव को, शुरुआत हो गई घोर कलयुग की, जिसमे भरा है अंधकार ,झूठ ,फरेब, जिसमें भाई ही बना भाई का दुश्मन …….   कहता है इतिहास का झरोखा….. त्योहारों का देश है भारत जनक दशरथ को दिया प्रण, माँ कैकेयी को दिया भरोसा श्री राम ने, छोड़ अयोध्या को निकल पड़े वन की ओर श्री राम, पर तू और मैं तो अपने स्वार्थ में माँ - बाप को भेज रहे वृद्धाश्रम में……   कहता है इतिहास का झरोखा….. त्योहारों का देश है भारत सर्वज्ञानी रावण ने अहंकार में आकर किया सीता मैया का हरण, पर किया मर्यादा में रह कर, अपनी छाया तक उस पर नही पड़ने दी, पर इस कलयुग में , इंसान के भेष में ले रहा जन्म जानवर , बढ़ रहा है अधर्म , अपरहण, बलात्कर  फिर  बर्बरता से हत्या,   मिलती है उनकी लाशें ,

तिरंगे का इतिहास

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बारह खड़ी

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बारहखड़ी हिन्दी में व्यञ्जनों तथा स्वरों के संयोग से बनने वाले अक्षरों के क्रम को कहते हैं। इसे संस्कृत में द्वादशाक्षरी कहते हैं जो हिन्दी व्याकरण के अनुसार स्त्रीलिंग शब्द है। This morning, while I was going through my album, I found some adorable pictures hence  decided  to post  them. If students know consonants and vowels, then easily they can construct words in any  language. When  we have to write a word, we apply Barakhadi. Just as a group of beads together forms a rosary, similar groups of letters include a word. This method is called the sequence of letters composed by combining consonants and vowels; the Barakhadi act as a ladder in Hindi languages. If the pronunciation of the word or letter would be correct, then there is no spelling error.In the month of December 2020 students of year Four  have started learning about Barakhadi, they understood. Still, it is tedious for them to apply Barakhadi for all letters as we know that without practicing this, it will  be difficult t

'बाबा मेरे बाबा'

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पंद्रह मई का दिन था, मेरी ऑनलाइन कक्षा चल रही थी । अचानक मुझे महसूस हुआ कि माँ किसी से फोन पर बात कर रही थी, वह बहुत परेशान लग रही थी। मैने उनसे जाकर पूछा तो उन्होंने कुछ नही बताया। कुछ देर तक मैं भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गई, पर ना जाने क्यों मेरा दिल घबराने लगा। आज पापा  जल्दी आ  गए, क्यों? मैं तुरंत वापिस बाहर गई तब पता चला कि मेरे 'बाबा' नहीं रहे है। मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। 'बाबा मेरे बाबा'  जिनकी आवाज मे मधुरता और बातो में धैर्यता झलकती थी।उनकी प्यारी- सी मुस्कान सबके मन को लुभाती थी। उन्होंने अपने जीवन मे आई सभी चुनौतियों का सामना डटकर किया, कभी हार न मानी । मेरे बाबा हमेशा मुझे सिखाते थे कि हमें धैर्य रखना चाहिये । हमें  दूसरो का सम्मान करना चाहिये। उनकी एक-एक बात मुझे उनकी याद दिलाती है I  उन्होंने हमेशा मुझे सही राह दिखाई। मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ कि मेरे बाबा दुनिया के सबसे अच्छे व्यक्ति है।  मैं हमेशा सोचती थी कि मै जब बड़ी हो जाऊँगी तब  बाबा  के साथ वर्ल्ड टूर पर जाऊँगी, पर बाबा तो मुझे छोड़ कर चले गए। मुझे याद है जब मैने पहली बार उन्हें हिंदी में पत्र