कहता है इतिहास का झरोखा
कहता है इतिहास का झरोखा….. त्योहारों का देश है भारत दीपों का त्यौहार भारतीय संस्कृति की है पहचान, दीयों की रोशनी, सौगात है कार्तिक माह की, दीपावली……. कहते है हम आध्यात्मिक रूप से 'अंधकार पर प्रकाश की विजय' कहता है इतिहास का झरोखा….. त्योहारों का देश है भारत रघुकुल की रखी लाज श्री राम ने, भाई लक्ष्मण ने समस्त आमोदों का त्याग कर अपनाया सेवाभाव को, शुरुआत हो गई घोर कलयुग की, जिसमे भरा है अंधकार ,झूठ ,फरेब, जिसमें भाई ही बना भाई का दुश्मन ……. कहता है इतिहास का झरोखा….. त्योहारों का देश है भारत जनक दशरथ को दिया प्रण, माँ कैकेयी को दिया भरोसा श्री राम ने, छोड़ अयोध्या को निकल पड़े वन की ओर श्री राम, पर तू और मैं तो अपने स्वार्थ में माँ - बाप को भेज रहे वृद्धाश्रम में…… कहता है इतिहास का झरोखा….. त्योहारों का देश है भारत सर्वज्ञानी रावण ने अहंकार में आकर किया सीता मैया का हरण, पर किया मर्यादा में रह कर, अपनी छाया तक उस पर नही पड़ने दी, पर इस कलयुग में , इंसान के भेष में ले रहा जन्म जानवर , बढ़ रहा है अधर्म , अपरहण, बलात्कर फिर बर्बर...