ईद
On Saturday, April 22, 2023, the world celebrated Eid with family and friends. The Pioneers' Vision team, consisting of Year 5 and 6 students from IPS Bangkok (April 28, 2023), was actively researching the facts behind how, when, and why people celebrate Eid. They had insightful discussions with their Muslim friends, gathered valuable information, and shared their findings with us. A heartfelt thanks to the Year 5 and 6 students for sharing this beautiful moment with us!
ईद का अर्थ और प्रमुख प्रकार
ईद का अर्थ हिंदी में 'त्योहार' है, और अरबी, उर्दू, और फारसी में इसका अर्थ 'खुशी' होता है। इस्लाम धर्म में तीन प्रमुख ईदें मनाई जाती हैं:
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ईद उल-फ़ित्र
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ईद-उल-अज़हा
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मीलाद उन-नबी (हज़रत मुहम्मद की जन्मतिथि)
ईद इस्लाम के महत्वपूर्ण त्योहार हैं, जो धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व रखते हैं।
ईद-उल-फितर कब मनाई जाती है?
ईद-उल-फितर इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान महीने के आखिरी दिन चांद को देखकर शव्वाल महीने के पहले दिन मनाई जाती है। रमजान का महीना इबादत का महीना होता है, जिसमें मुसलमान 30 दिनों तक रोज़ा रखते हैं। ईद के दिन लोग अल्लाह से अपने और अपने प्रियजनों के लिए दुआ करते हैं।ईद-उल-फितर क्यों मनाई जाती है?
ईद की शुरुआत पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) ने सन् 624 ईस्वी में जंग-ए-बद्र की जीत के बाद की थी। यह दिन उनकी विजय की खुशी में मनाया गया। इस दिन मुसलमान गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं, क्योंकि रमजान के महीने में दान का विशेष महत्व होता है। यह त्योहार समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है।
ईद-उल-अज़हा कब और क्यों मनाई जाती है?
ईद-उल-अज़हा इस्लाम का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है, जिसे "बकरीद" भी कहा जाता है। यह ज़िलहिज्जा महीने के 10वीं तारीख को मनाया जाता है, जो हज यात्रा से जुड़ा होता है। इस दिन को हजरत इब्राहीम की क़ुर्बानी की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे हजरत इस्माइल की क़ुर्बानी देने का संकल्प लिया था। हालांकि, अल्लाह ने उनकी श्रद्धा को देखकर एक बकरा भेजा, जिसे उन्होंने बलि चढ़ाया। इस दिन मुसलमान बकरे की कुर्बानी देते है। ईद-उल-अजहा रमजान के खत्म होने के 70 दिन बाद मनाई जाती है।
ईद कैसे मनाई जाती है?
ईद-उल-फितर में विशेष रूप से मीठी सेंवईं बनाई जाती हैं। लोग आपस में गले मिलकर पुराने गिले-शिकवे दूर करते हैं। बड़े-बुजुर्ग अपने छोटे रिश्तेदारों को ईदी (उपहार) देते हैं और घर आने वाले मेहमानों को उपहार देकर उनका सम्मान करते हैं।
ईद के दिन लोग नए कपड़े पहनकर सुबह की नमाज़ अदा करते हैं और अल्लाह से अमन और चैन की दुआ करते हैं। यह दिन भाईचारे, प्यार और समर्पण का प्रतीक है। इस्लामिक धर्म का यह त्योहार समाज में एकता और सहयोग का संदेश देता है, साथ ही यह त्याग और अपने मजहब के प्रति समर्पण को भी दर्शाता है।
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